Thursday, November 22, 2012

लोरी

आजा आजा निंदिया रानी, 
जागे मेरी गुडिया प्यारी
जल्दी से तू आजा, 
अखियों में समा जा

टीम टीम करते तारे सारे 
चंदा मामा हो गए आधे
चुप है जग यह सारा 
चुपके चुपके आना

बाते तुझसे कितनी करनी
कहानी आधी रह गयी कल की
पूरी अब तू कर जा
और नयी बतला जा 

मिटती मिटती पलकें बोले 
थकती थकती सांसे पूछे 
गाँव कहाँ सपनों का? 
संग मुझे तू ले जा 

 

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